Ayodhya : राम नगरी अयोध्या में सावन झूलनोत्सव मेले की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं, और यह मेला कल, 27 जुलाई से, सावन शुक्ल तृतीया के शुभ दिन से शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि इस दौरान 15 से 20 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे, जिससे एक भव्य और भक्तिमय माहौल बनेगा।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, और विशेष रूप से रामलला के भव्य मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा रहा है।
News : अत्याधुनिक सुरक्षा का त्रि-स्तरीय घेरा
राम जन्मभूमि परिसर में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि मंदिर परिसर को त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से घेरा गया है।
* पहला घेरा: यह रामपथ, रामकोट और धर्मपथ जैसे अयोध्या के मुख्य प्रवेश मार्गों पर स्थापित किया गया है, जो श्रद्धालुओं के पहले संपर्क बिंदु होंगे।
* दूसरा घेरा: यह मंदिर की बाहरी परिधि पर केंद्रित होगा, जो परिसर की बाहरी सीमा को सुरक्षित रखेगा।
* तीसरा और सबसे मजबूत घेरा: यह सीधे गर्भगृह और मंदिर के आंतरिक क्षेत्रों को कवर करेगा, जहां श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ होती है।
इन तीनों स्तरों पर सुरक्षाकर्मियों की व्यापक तैनाती की गई है, जिसमें एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता), आरएएफ (त्वरित कार्य बल), एसएसएफ (विशेष सुरक्षा बल), सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और स्थानीय पुलिस के जवान मिलकर काम करेंगे। यह समन्वित प्रयास यह सुनिश्चित करेगा कि हर आने वाले श्रद्धालु सुरक्षित महसूस करें।
News : 850 CCTV कैमरों और ड्रोन का इस्तेमाल
सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे के अनुसार, 70 एकड़ के विशाल मंदिर परिसर पर 850 सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे कड़ी नजर रखी जाएगी। ये सभी कैमरे सीधे कंट्रोल कमांड सेंटर से जुड़े हुए हैं, जहां से सुरक्षाकर्मी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे।
ये कैमरे केवल रिकॉर्डिंग ही नहीं करते, बल्कि फेस डिटेक्शन (चेहरा पहचान), मोशन ट्रैकिंग (गति पर नज़र रखना) और नाइट विजन (रात में देखने की क्षमता) जैसी उन्नत तकनीकों से लैस हैं। इसका मतलब है कि ये कैमरे संदिग्ध चेहरों को पहचान सकते हैं, किसी भी असामान्य हलचल को ट्रैक कर सकते हैं, और रात के अंधेरे में भी स्पष्ट निगरानी कर सकते हैं।
विशेष दिनों या जब भीड़ बहुत अधिक होती है, तो ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा, जो हवाई निगरानी प्रदान करेंगे। यदि कोई भी संदिग्ध गतिविधि कैमरे में कैद होती है, तो तुरंत अलर्ट जारी किया जाएगा और त्वरित कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों को सूचित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, राम मंदिर के आसपास सादे कपड़ों में भी जवान तैनात किए गए हैं, ताकि वे किसी भी अप्रत्याशित स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकें और भीड़ के बीच किसी भी असामाजिक तत्व पर नजर रख सकें।
News : भीड़ प्रबंधन और जन सहयोग
सुरक्षा उपायों के तहत, मंदिर के आसपास के दुकानदारों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने के लिए कहा गया है। यह सामुदायिक भागीदारी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करती है। यदि मेले के दौरान भक्तों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ती है, तो दर्शन के लिए कतारें बढ़ाने का निर्णय राम मंदिर ट्रस्ट की सहमति से लिया जाएगा।
इसके लिए वैकल्पिक रास्तों का भी एक विस्तृत प्लान तैयार किया गया है ताकि भीड़ को सुचारु रूप से प्रबंधित किया जा सके और भगदड़ जैसी स्थिति से बचा जा सके। मंदिर परिसर और उसके आसपास नियमित रूप से चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
एसपी सुरक्षा ने आश्वस्त किया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “तकनीक, फोर्स और लोगों के सहयोग से किसी भी स्थिति को संभाला जा सकता है।” उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से बिना किसी डर के दर्शन करने का आग्रह किया, क्योंकि प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
सावन झूलनोत्सव अयोध्या की आध्यात्मिक महिमा को और बढ़ाएगा, और इन व्यापक सुरक्षा तैयारियों के साथ, लाखों भक्त शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में भगवान रामलला के दर्शन कर सकेंगे।