News : अश्लील कंटेंट पर चला सरकार का चाबुक, ULLU और ALTBalaji समेत 25 ऐप हुए बैन!

News : केंद्र सरकार ने अश्लील और वयस्क सामग्री परोसने वाले कई ऐप्स और वेबसाइटों पर शिकंजा कसते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को घोषणा की कि इस कार्रवाई में ऑल्ट बालाजी, उल्लू, देसीफ्लिक्स, बूमेक्स, बिग शॉट्स ऐप, नवरसा लाइट और गुलाब ऐप सहित कुल 25 डिजिटल प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

सरकार ने सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) को इन ऐप्स और वेबसाइटों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश दिया है। यह कदम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री के अनियंत्रित प्रसार को रोकने और ऑनलाइन स्पेस को विनियमित करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

News : लगातार शिकायतें और पिछली कार्रवाई

इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इन ऐप्स और वेबसाइटों द्वारा परोसी जा रही “सॉफ्ट पोर्न” सामग्री के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई डिजिटल प्लेटफॉर्म को विनियमित करने और अश्लील सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए की गई है।

यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने इस तरह की कार्रवाई की है; मार्च 2025 में भी, सरकार ने अश्लील कंटेंट को लेकर 19 वेबसाइटों और 10 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था, जो दर्शाता है कि यह एक सतत अभियान है।

News : प्रतिबंधित ऐप्स की पूरी सूची

सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए 25 ऐप्स की पूरी सूची में शामिल हैं:

आल्ट (Alt), उल्लू (Ullu), बिग शॉट्स ऐप (Big Shots App), देशीफ्लिक्स (DesiFlix), बूमेक्स (Boomex), नवरस लाइट (Navras Lite), गुलाब ऐप (Gulab App), कंगन ऐप (Kangan App), बुल ऐप (Bull App), जलवा ऐप (Jalwa App), वाओ एंटरटेनमेंट (Wow Entertainment), लुक एंटरटेनमेंट (Look Entertainment), हिटप्राइम (Hitprime), फेनियो (Fenio), शोएक्स (ShowX), सोल टॉकीज (Soul Talkies), अड्डा टीवी (Adda TV), हॉटएक्स वीआईपी (HotX VIP), हलचल ऐप (Halchal App), मूडएक्स (MoodX), नियानएक्स वीआईपी (NiyanX VIP), फ्यूजी (Fuzi), मोजीफ्लिक्स (Mojiflix), ट्राईफ्लिक्स (Triflix)।

यह व्यापक कार्रवाई ऑनलाइन सामग्री पर सरकार के बढ़ते नियंत्रण और निगरानी को दर्शाती है, विशेषकर ऐसी सामग्री पर जो सामाजिक मानदंडों और कानूनी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है।

News : सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और न्यायिक सक्रियता

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री के मुद्दे पर न्यायपालिका भी सक्रिय है। इस साल अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री की स्ट्रीमिंग के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में केंद्र सरकार और प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किए थे।

यह नोटिस केंद्र सरकार के साथ-साथ नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, उल्लू, एएलटीटी, एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य जैसे बड़े डिजिटल खिलाड़ियों को भी जारी किए गए थे।

पीटीआई के अनुसार, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने स्वीकार किया कि याचिका ने एक महत्वपूर्ण चिंता पैदा की है। हालांकि, पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि यह मामला कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था, “यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं है, आप कुछ कीजिए।” सुप्रीम कोर्ट का यह बयान सरकार को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने के लिए एक स्पष्ट संकेत था, और वर्तमान प्रतिबंध उसी दिशा में एक कदम प्रतीत होता है।

News : उल्लू सीरीज़ पर विवाद और महिला आयोग की आपत्ति

मई 2025 में, ओटीटी प्लेटफॉर्म उल्लू (Ullu) की वेब सीरीज़ “हाउस अरेस्ट” का एक क्लिप वायरल होने के बाद भारी आलोचना का शिकार हुई थी। इस सीरीज़ को बिग बॉस के पूर्व प्रतियोगी एजाज खान ने होस्ट किया था। यह क्लिप कथित तौर पर अपनी अश्लील सामग्री के लिए वायरल हुई थी, जिससे बड़े पैमाने पर सार्वजनिक आक्रोश फैल गया था।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस सीरीज़ का स्वतः संज्ञान लिया था और इसमें महिलाओं के चित्रण की कड़ी आलोचना की थी। एनसीडब्ल्यू ने इस तरह की सामग्री को महिलाओं के प्रति अपमानजनक और हानिकारक बताया था, और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सामग्री के नियमन की आवश्यकता पर जोर दिया था।

यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि कैसे अनियंत्रित डिजिटल सामग्री समाज में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है और नियामकों द्वारा हस्तक्षेप की आवश्यकता को बढ़ा सकती है।

News : डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रयास

केंद्र सरकार की यह कार्रवाई डिजिटल स्पेस को अधिक सुरक्षित और जवाबदेह बनाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। जैसे-जैसे इंटरनेट और ओटीटी प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ रहा है, ऑनलाइन सामग्री के नियमन की आवश्यकता भी तीव्र होती जा रही है।

अश्लील सामग्री, विशेषकर बच्चों और संवेदनशील दर्शकों के लिए, गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। सरकार का यह कदम ऑनलाइन सामग्री प्रदाताओं को अपनी सामग्री के लिए अधिक जिम्मेदारी लेने और कानूनी तथा नैतिक दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए मजबूर करेगा।

हालांकि, यह देखना बाकी है कि इन प्रतिबंधों का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा और क्या ये डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोक पाएंगे। यह भी महत्वपूर्ण होगा कि सरकार भविष्य में सामग्री नियमन के लिए क्या और कदम उठाती है, खासकर जब से डिजिटल मीडिया का परिदृश्य लगातार विकसित हो रहा है।