UP : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 23 वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारियों का तबादला कर दिया है।
सोमवार देर रात हुए इस व्यापक फेरबदल में 10 जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) भी बदल दिए गए हैं, जिनमें गोरखपुर, गाजियाबाद, प्रयागराज और बहराइच जैसे महत्वपूर्ण जिले शामिल हैं। इस कदम को आगामी चुनौतियों और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में योगी सरकार के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है।
UP : 23 IAS अफसरों का तबादला
प्रशासनिक दक्षता और सुशासन को प्राथमिकता देते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई प्रमुख आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया है। इस सूची में कुछ महत्वपूर्ण नाम और उनकी नई नियुक्तियां इस प्रकार हैं:
नेहा शर्मा: गोंडा से हटाकर उन्हें प्रभारी महानिरीक्षक निबंधन बनाया गया है। यह पद उन्हें राज्य में पंजीकरण प्रक्रियाओं की देखरेख और उनमें सुधार की जिम्मेदारी देगा।
मोनिका रानी: बहराइच जिलाधिकारी के पद से हटाकर उन्हें विशेष सचिव बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, और अपर महानिदेशक स्कूल शिक्षा बनाया गया है। यह बदलाव शिक्षा क्षेत्र में उनके अनुभव का लाभ उठाने के उद्देश्य से किया गया है।
गौरव दयाल: मंडलायुक्त अयोध्या से हटाकर उन्हें सचिव गृह विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। यह नियुक्ति राज्य की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के प्रबंधन में उनकी भूमिका को बढ़ाएगी।
राजेश कुमार: सचिव गृह एवं सतर्कता विभाग, उत्तर प्रदेश, के पद से हटाकर उन्हें मंडलायुक्त अयोध्या बनाया गया है। अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों और धार्मिक महत्व को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण पदस्थापन है।
इन तबादलों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार विभिन्न विभागों में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण लाने का प्रयास कर रही है।
UP : 10 जिलों के DM बदले गए: महत्वपूर्ण जिलों को मिले नए प्रमुख
प्रशासनिक फेरबदल का सबसे बड़ा हिस्सा 10 जिलों के जिलाधिकारियों के बदलाव के रूप में सामने आया है। इन बदलावों का उद्देश्य संबंधित जिलों में प्रशासनिक कामकाज में सुधार लाना और विकास परियोजनाओं को गति देना है।
गोरखपुर: योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर के जिलाधिकारी कृषणा करुणेश को अब अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा, बनाया गया है। उनके स्थान पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी दीपक मीणा को गोरखपुर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। दीपक मीणा के पास गाजियाबाद जैसे औद्योगिक जिले में काम करने का अनुभव है, जो गोरखपुर के विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
गाजियाबाद: प्रयागराज के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मंदर को गाजियाबाद का जिलाधिकारी बनाया गया है। गाजियाबाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और शहरी केंद्र है, जहां तेजी से विकास और शहरीकरण से संबंधित कई चुनौतियां हैं।
प्रयागराज: गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को प्रयागराज का जिलाधिकारी बनाया गया है। प्रयागराज, अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र भी है, और यहां प्रशासनिक कुशलता की आवश्यकता होती है।
कासगंज: कासगंज की जिलाधिकारी मेधा रूपम को गौतमबुद्ध नगर का नया डीएम बनाया गया है। गौतमबुद्ध नगर, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक और आईटी हब है, जिसके लिए एक गतिशील नेतृत्व की आवश्यकता है।
कानपुर देहात: आईएएस अफसर प्रणय सिंह, जो पहले अपर आयुक्त गन्ना एवं प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश चीनी निगम लिमिटेड थे, को कासगंज का जिलाधिकारी बनाया गया है। कानपुर देहात के डीएम आलोक सिंह को विशेष सचिव राज्य संपत्ति विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, एवं राज्य संपत्ति अधिकारी बनाया गया है। उनके स्थान पर कपिल सिंह, जो अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण थे, को कानपुर देहात का जिलाधिकारी बनाया गया है।
बहराइच: अक्षय त्रिपाठी को ललितपुर डीएम से हटाकर बहाइराच का जिलाधिकारी बना दिया गया है।
ललितपुर: अमरदीप खुली को विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा उत्तर प्रदेश शासन से हटाकर ललितपुर का जिलाधिकारी बना दिया गया है।
मीरजापुर: पवन कुमार गंगवार को मीरजापुर का डीएम बनाया गया है।
ये बदलाव दिखाते हैं कि सरकार जिलों के विकास और कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। नए जिलाधिकारियों के कंधों पर अपने-अपने क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने और जनता की शिकायतों का प्रभावी ढंग से निवारण करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
UP : योगी सरकार की प्रशासनिक रणनीति
उत्तर प्रदेश में यह प्रशासनिक फेरबदल कोई नई बात नहीं है। योगी सरकार समय-समय पर प्रशासनिक सर्जरी करती रहती है ताकि अधिकारियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जा सके और आवश्यकतानुसार बदलाव किए जा सकें। इन तबादलों को अक्सर अधिकारियों के प्रदर्शन, उनकी विशेषज्ञता और सरकार की प्राथमिकताओं के साथ उनके संरेखण के आधार पर देखा जाता है।
यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है जब राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले प्रशासनिक तंत्र को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उम्मीद है कि ये नए नियुक्त अधिकारी अपने अनुभवों और क्षमताओं का उपयोग करते हुए संबंधित जिलों में विकास कार्यों को गति देंगे और सुशासन सुनिश्चित करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये प्रशासनिक बदलाव जमीनी स्तर पर क्या प्रभाव डालते हैं।