उत्तराखंड में लागू हो सकता है “मानसून वेकेशन”, बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा असर

नैनीताल। उत्तराखंड में बरसात का मौसम हर साल प्राकृतिक आपदाओं का खतरा साथ लाता है। भारी बारिश, भूस्खलन, सड़क अवरोध और बाढ़ जैसी परिस्थितियों के कारण सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग अब एक नई पहल की तैयारी में है—“मानसून वेकेशन”।

क्यों ज़रूरी है मानसून वेकेशन?

पिछले दो महीनों में उत्तरकाशी, चमोली, देहरादून, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग समेत आठ जिलों के कई क्षेत्रों में स्कूल लंबे समय तक बंद रहे। धराली, थराली, नंदनगर, रायपुर, डोईवाला और जखोली जैसे इलाकों में बच्चों को स्कूल जाने का मौका तक नहीं मिला। शिक्षा सत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ और अब तक 1400 से ज्यादा स्कूल क्षतिग्रस्त पाए गए हैं, जिनमें अधिकतर प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं।

कितनी होगी छुट्टी?

शिक्षा विभाग का कहना है कि मानसून सीजन में 10 दिन की छुट्टी दी जा सकती है। इसकी भरपाई गर्मी और सर्दियों की छुट्टियों में कटौती करके होगी। इस कदम से बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी और पाठ्यक्रम भी समय पर पूरा कराया जा सकेगा।

फिलहाल क्या इंतज़ाम?

प्रभावित स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। पढ़ाई का समय बढ़ाया जाएगा। निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं का सहारा ले रहे हैं। सरकारी स्कूलों में यह सुविधा सीमित है, लेकिन कई शिक्षक व्यक्तिगत स्तर पर छात्रों तक ऑनलाइन पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग का मानना है कि अगर “मानसून वेकेशन” लागू होता है, तो यह बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई—दोनों के लिए फायदेमंद कदम साबित होगा।