UP : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एच-5 एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे आम बोलचाल में बर्ड फ्लू भी कहते हैं, के प्रसार को रोकने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर जिले के एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों में इस वायरस की पुष्टि होने के बाद तत्काल प्रभाव से अलर्ट जारी कर दिया है। सरकार का यह कदम जनता की सुरक्षा और पशुधन को बचाने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को इस स्थिति से निपटने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आदेश दिया है कि राज्य के सभी पोल्ट्री फार्मों में निर्धारित मानकों के अनुसार कड़ी निगरानी की जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वायरस कहीं और न फैले, अधिकारियों को नियमित रूप से पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण करने और मुर्गियों के स्वास्थ्य की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, राज्य के प्राणी उद्यान, पक्षी विहार, नेशनल पार्क और वेटलैंड क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत करने का आदेश दिया गया है। इन क्षेत्रों में रहने वाले संरक्षित पशु-पक्षियों के आहार और स्वास्थ्य की गहन जांच कराने को कहा गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैले।
UP : सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण और उपकरण
बर्ड फ्लू से निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है वे कर्मचारी जो सीधे तौर पर पशु-पक्षियों के संपर्क में आते हैं। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि ऐसे सभी कर्मचारियों को तुरंत पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट और विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए। यह कदम न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि वे संक्रमण को आगे न फैलाएं।
यह अलर्ट रामपुर जिले के सिहोर गांव में एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के मरने के बाद जारी किया गया। इसके बाद, प्रशासन हरकत में आया और जांच के लिए टीमें भेजी गईं। जांच में एच-5N1 वायरस की पुष्टि होने के बाद, पोल्ट्री फार्म को सील कर दिया गया और सभी संक्रमित मुर्गियों को पशु चिकित्सा विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में नष्ट कर दिया गया। प्रशासन ने ग्रामीणों को भी बर्ड फ्लू के खतरों और उससे बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया।
UP : प्रशासनिक लापरवाही पर चिंता
हालांकि, इस बीच कुछ प्रशासनिक लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, संक्रमित क्षेत्र को सील करने के बाद भी कुछ स्थानों पर निगरानी के लिए तैनात कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं थे। इस कारण, ग्रामीणों की आवाजाही जारी रही, जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया। अधिकारियों की सख्ती के बावजूद इस तरह की लापरवाही चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री ने इस तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है।
सरकार ने बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए संक्रमित क्षेत्रों को दो जोन में बांटकर काम करने का निर्देश दिया है। इसके तहत, एक जोन में सख्त निगरानी और दूसरे में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इन प्रयासों का लक्ष्य वायरस के प्रसार को नियंत्रित करना और जनता में भय को कम करना है।
UP : बर्ड फ्लू के खतरे और निवारण
बर्ड फ्लू एक संक्रामक रोग है जो पक्षियों से फैलता है और कुछ मामलों में मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई शामिल है। इससे बचने के लिए, लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
* मृत पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से बचें।
* पोल्ट्री उत्पादों (जैसे मांस और अंडे) को अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
* साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, खासकर पोल्ट्री फार्मों के पास।
* अगर किसी में बर्ड फ्लू जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए, न केवल सुरक्षा उपायों को बढ़ाया है, बल्कि जागरूकता पर भी जोर दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी नागरिक इस बीमारी के बारे में जानते हैं और इससे बचाव के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। सरकार उम्मीद करती है कि इन कड़े कदमों और सामूहिक प्रयासों से इस संकट को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सकेगा।