News : भारत और चीन के रिश्तों में हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है. दोनों देशों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली पर सहमति बनी है, जिसे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बड़े कदम के तौर पर सराहा है.
यह कदम दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में सहायक माना जा रहा है. इसे सांस्कृतिक कूटनीति का एक सशक्त उदाहरण भी माना जा रहा है, जो भविष्य में बेहतर द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में नए रास्ते खोल सकता है.
News : जयशंकर ने बीजिंग में उठाई यात्रा बहाली की बात
चीन की राजधानी बीजिंग में अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. इस बैठक में जयशंकर ने स्पष्ट किया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भारत में बड़े पैमाने पर सराही जा रही है.
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत-चीन संबंधों के निरंतर सामान्यीकरण से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और अन्य भू-राजनीतिक मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ था, ऐसे में यात्रा की बहाली एक सकारात्मक संकेत है.
News : मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय स्थिति काफी जटिल
विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय स्थिति काफी जटिल है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन के बीच विचारों का खुला आदान-प्रदान अत्यंत महत्वपूर्ण है.
यह दर्शाता है कि दोनों देश वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को समझते हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने की क्षमता रखते हैं, खासकर ऐसे समय में जब अंतर्राष्ट्रीय समीकरण तेजी से बदल रहे हैं.
अपनी बीजिंग यात्रा के दौरान, जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पर भी खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत, एससीओ में चीन की सफल अध्यक्षता का समर्थन करता है. यह बयान एससीओ जैसे क्षेत्रीय मंचों पर भारत और चीन के बीच सहयोग की संभावनाओं को उजागर करता है.
News : द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर सुधार
जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार देखा जा रहा है.
यह उच्च-स्तरीय वार्ताओं के महत्त्व को दर्शाता है, जो दोनों देशों के बीच जमी हुई बर्फ को पिघलाने में सहायक होती हैं. विदेश मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी यह बीजिंग यात्रा और इस दौरान हुई चर्चाएँ इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में और मजबूती आएगी.
News : कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्त्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीय श्रद्धालुओं के लिए अध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है. चीन में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है.
लाखों श्रद्धालु हर साल इन पवित्र स्थलों के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं. कोविड-19 महामारी और सीमा पर तनाव के कारण पिछले कुछ समय से यह यात्रा निलंबित थी, जिससे श्रद्धालुओं में निराशा थी.
अब यात्रा की बहाली से न केवल भारतीय श्रद्धालुओं को अपनी आस्था पूरी करने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह भारत-चीन संबंधों में विश्वास की एक नई बुनियाद भी रखेगी.
यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा, जो राजनयिक संबंधों को सुधारने में भी सहायक होता है. यह कदम दोनों देशों को अपने साझा इतिहास और संस्कृति के माध्यम से करीब लाने का एक मौका भी प्रदान करता है.
News : यात्रा प्रक्रिया और सुविधाओं पर चर्चा जारी
भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि चीन के साथ इस यात्रा से संबंधित प्रक्रिया, वीज़ा व्यवस्था और आवागमन सुविधाओं को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. यह सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच गहन चर्चा चल रही है कि श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सुगम और सुरक्षित हो.
इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को लेकर भी व्यापक चर्चा जारी है. इन पहलुओं पर अंतिम सहमति के बाद ही यात्रा की विस्तृत योजना सार्वजनिक की जाएगी. यह दिखाता है कि दोनों देश इस यात्रा को सफल बनाने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं.
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