News : यूपी सरकार का ऐतिहासिक कदम, मेधावी छात्रों को यूके में मास्टर्स के लिए मिलेगी स्कॉलरशिप!

News : विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देख रहे उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ‘भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना’ को मंजूरी दे दी है।

इस योजना के तहत, हर साल प्रदेश के पांच प्रतिभाशाली छात्रों को यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एक साल की मास्टर्स डिग्री हासिल करने का अवसर मिलेगा। यह फैसला गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जहां कुल 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी।

News : ‘चिवनिंग स्कॉलरशिप’ योजना का विवरण

यह नई छात्रवृत्ति योजना, जिसे यूके के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के सहयोग से चलाया जाएगा, प्रदेश के मेधावी छात्रों को वैश्विक मंच पर शिक्षा प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी। इस योजना का उद्देश्य उन छात्रों को सहायता प्रदान करना है, जिनके पास अकादमिक प्रतिभा तो है, लेकिन आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण वे विदेश में पढ़ाई करने में असमर्थ हैं।

यह स्कॉलरशिप योजना आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होगी और अगले तीन वर्षों (2025-26, 2026-27, 2027-28) तक जारी रहेगी। यदि इस योजना को 2028-29 तक जारी रखना होगा, तो इसके लिए 30 मार्च 2028 तक नवीनीकरण करना आवश्यक होगा।

News : वित्तीय सहायता:

यह स्कॉलरशिप एक छात्र पर आने वाले लगभग ₹40 लाख (38,048 पाउंड से 42,076 पाउंड) तक के कुल खर्च को कवर करेगी। इस खर्च को दो हिस्सों में बांटा गया है:

* राज्य सरकार का योगदान: उत्तर प्रदेश सरकार प्रति छात्र लगभग ₹23 लाख (19,800 पाउंड) का योगदान देगी।

* यूके सरकार का योगदान: शेष राशि, लगभग ₹17 लाख, एफसीडीओ (FCDO) द्वारा वहन की जाएगी।

इस भारी-भरकम राशि में ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क, शोध शुल्क, मासिक रहने का भत्ता और आने-जाने का हवाई किराया (इकोनॉमी क्लास) शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्रों को अपनी पढ़ाई और जीवन-यापन के लिए किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।

News : अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट फैसले

छात्रवृत्ति योजना के अलावा, कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी, जो राज्य के विकास और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम हैं।

* संपत्ति का वैध दस्तावेज: ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार की गई ‘घरौनी’ को अब संपत्ति का एक वैध दस्तावेज माना जाएगा। इससे ग्रामीणों को अपनी संपत्ति के आधार पर बैंक से ऋण लेने में मदद मिलेगी।

* KGMU अधिनियम में संशोधन: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के अधिनियम में संशोधन को हरी झंडी दी गई।

* नलकूपों का रीबोर: प्रदेश के 62 जिलों में खराब हो चुके राजकीय नलकूपों के रीबोर का प्रस्ताव पास किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था में सुधार होगा।

* FRBM एक्ट में संशोधन: वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) अधिनियम के तहत ऋण सीमा को 3% से बढ़ाकर 3.5% कर दिया गया है।

* निजी विश्वविद्यालय: राज्य में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को स्थापित करने की अनुमति दी गई है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।

इन सभी फैसलों को मिलाकर देखें तो यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा, ग्रामीण विकास, और आधारभूत संरचना में सुधार पर विशेष ध्यान दे रही है। ‘चिवनिंग स्कॉलरशिप’ योजना विशेष रूप से प्रदेश के युवाओं को एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने का अवसर देगी, जिससे वे भविष्य में देश और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगे। यह कदम निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश को एक प्रगतिशील और शिक्षा-केंद्रित राज्य के रूप में स्थापित करेगा।