News : अहमदाबाद के मेघानीनगर स्थित एक प्रतिष्ठित नर्सिंग कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल को ₹8 लाख की चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस चोरी का राज उनकी दाहिनी आंख के पास मौजूद एक छोटे से तिल ने खोला, जो सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा था।
यह घटना ऑनलाइन गेमिंग की लत के भयावह परिणामों को उजागर करती है, जिसने एक शिक्षित और जिम्मेदार व्यक्ति को अपराध की दुनिया में धकेल दिया। शाहिबाग निवासी 42 वर्षीय आरोपी महिला ने पुलिस को बताया कि वह ऑनलाइन रम्मी की इस कदर आदी हो गई थी कि उसने भारी कर्ज उठा लिया।
इस कर्ज को चुकाने और अपनी लत को जारी रखने के लिए उसने अपने ही कार्यस्थल, कॉलेज की तिजोरी को निशाना बनाया। 22 जुलाई की सुबह 6 बजे, उसने बड़ी चालाकी से तिजोरी से ₹500 के नोटों की गड्डी निकाली, जिसमें कुल ₹8 लाख थे।
News : सीसीटीवी ने खोली पोल, तिल ने किया खुलासा
चोरी का यह मामला तब सामने आया जब कॉलेज के प्राचार्य को सुबह तिजोरी खाली मिली। उन्होंने तत्काल कॉलेज स्टाफ को इकट्ठा कर पूछताछ शुरू की। हैरानी की बात यह थी कि वाइस प्रिंसिपल भी उस समय वहां मौजूद थीं, मानो उन्हें कुछ पता ही न हो। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और रात भर सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की।
पुलिस सब-इंस्पेक्टर आर. एम. चावड़ा ने बताया, “फुटेज में एक बुर्का पहने महिला को कॉलेज की तिजोरी से पैसे निकालते हुए देखा गया। हमने ध्यान दिया कि उस महिला की दाहिनी आंख के पास एक तिल था। यह एक महत्वपूर्ण सुराग था।”
अगली सुबह जब पुलिस ने वाइस प्रिंसिपल से पूछताछ की और उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखाया, तो उनके पास अपना गुनाह कबूल करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा। उस छोटे से तिल ने उनकी पहचान उजागर कर दी और उनके झूठ का पर्दाफाश हो गया।
News : लाखों रुपये रातोंरात गेमिंग वॉलेट में हुए ट्रांसफर
गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने शाहिबाग स्थित आरोपी के घर से और उनके पास से ₹2.36 लाख नकद बरामद किए। लेकिन शेष ₹5.64 लाख का क्या हुआ? पुलिस के अनुसार, यह पूरी रकम चोरी के कुछ ही घंटों के भीतर उनके ऑनलाइन गेमिंग वॉलेट में ट्रांसफर कर दी गई थी।
पुलिस ने तत्काल उस गेमिंग वॉलेट को फ्रीज कर दिया है और बाकी बची रकम की बरामदगी के लिए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह खुलासा ऑनलाइन गेमिंग की लत के वित्तीय जोखिमों को भी रेखांकित करता है, जहां बड़ी रकम चंद मिनटों में उड़ा दी जा सकती है।
News : भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज
मेघानीनगर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 305 (चोरी) के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अतिरिक्त, धारा 306 (क्लर्क या कर्मचारी द्वारा चोरी) के तहत भी आरोप जोड़े जा रहे हैं, क्योंकि आरोपी कॉलेज की कर्मचारी थी और उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चोरी को अंजाम दिया। यह मामला भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज होने वाले शुरुआती मामलों में से एक है, जो हाल ही में लागू की गई है।
News : लत का खतरनाक जाल
यह घटना केवल एक चोरी का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। ऑनलाइन गेमिंग की लत, जिसे अक्सर मनोरंजन का एक हानिरहित साधन माना जाता है, व्यक्ति को कर्ज के गहरे दलदल में धकेल सकती है और उसे अपराध की ओर मोड़ सकती है। एक शिक्षित और जिम्मेदार पद पर बैठी महिला का इस तरह से अपनी लत के कारण अपराध करना, समाज में बढ़ती इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत के बढ़ते मामलों को देखते हुए, इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना और प्रभावित व्यक्तियों को सहायता प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि किस तरह एक छोटी सी लत व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकती है और उसे शर्मिंदगी और कानूनी कार्रवाई का सामना करने पर मजबूर कर सकती है।
पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि चोरी की गई पूरी रकम बरामद हो सके। यह मामला निश्चित रूप से कॉलेज समुदाय और समाज के लिए एक कड़वा सबक है, जो लत के विनाशकारी परिणामों को उजागर करता है।