उत्तराखंड में एंट्री अब होगी ‘ग्रीन’! दिसंबर से बाहरी वाहनों पर लगेगा ग्रीन टैक्स

क्या आप दिल्ली या किसी अन्य राज्य से उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता का दीदार करने की योजना बना रहे हैं? तो यह खबर आपके सफर को आसान और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए है।

दिसंबर 2025 से, उत्तराखंड राज्य में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के सभी वाहनों पर ग्रीन टैक्स (Green Cess) देना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

कैसे कटेगा ग्रीन टैक्स?

​अब आपको किसी बॉर्डर चेक पोस्ट पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी!

  • FASTag के जरिए वसूली: आपके वाहन पर लगे FASTag के माध्यम से यह शुल्क स्वचालित (Automatic) रूप से कट जाएगा।
  • ANPR कैमरे: इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए राज्य की सीमाओं पर 16 प्रमुख स्थानों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं।

इन वाहनों को मिलेगी छूट

​राज्य सरकार ने कुछ वाहनों को इस शुल्क से पूरी तरह मुक्त रखा है:

  • दोपहिया वाहन
  • इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन
  • सरकारी वाहन
  • एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ

विशेष नियम: यदि कोई वाहन 24 घंटे के भीतर दोबारा राज्य में प्रवेश करता है, तो उसे दोबारा ग्रीन टैक्स नहीं देना होगा।

किस वाहन पर कितना शुल्क? (प्रतिदिन)

​ग्रीन सेस की दरें वाहन के प्रकार के अनुसार निर्धारित की गई हैं:

वाहन का प्रकार ग्रीन टैक्स की दर

कार- ₹80

डिलीवरी वैन (मालवाहक)- ₹250

बस- ₹140

भारी वाहन- ₹120 (प्रतिदिन)

ट्रक- (आकार के अनुसार) ₹140 से ₹700 तक

आपके पैसे का उपयोग कहाँ होगा?

​इस ग्रीन टैक्स से जुटाए गए राजस्व (अनुमानित ₹100 से ₹150 करोड़ प्रति वर्ष) का उपयोग सीधे राज्य के पर्यावरण सुधार के लिए किया जाएगा:

  • ​वायु प्रदूषण नियंत्रण
  • ​सड़क सुरक्षा में सुधार
  • ​शहरी परिवहन विकास

​यह ग्रीन टैक्स उत्तराखंड को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने सफर की योजना बनाते समय इन दरों को ध्यान में रखें!