Uttarakhand में बर्ड फ्लू का कहर, 3200 मुर्गियों की मौत, जिम कॉर्बेट में कोविड जैसे सख्त प्रोटोकॉल लागू!

Uttarakhand : उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बर्ड फ्लू ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा और किच्छा क्षेत्रों में स्थित पोल्ट्री फार्मों में अब तक 3200 से अधिक मुर्गियों की मौत हो चुकी है, जिससे प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है।

इनमें से किच्छा में 2,222 मुर्गियों में बर्ड फ्लू (H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा) की पुष्टि हुई है। वहीं, खटीमा में मंगलवार सुबह एक पोल्ट्री फार्म में 1,020 मुर्गियों की मौत हो गई, जिनके सैंपल जाँच के लिए भेजे गए हैं।

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, पशुपालन और वन विभाग दोनों हाई अलर्ट पर हैं। राज्य के वन्यजीव अभयारण्यों, चिड़ियाघरों और बचाव केंद्रों (रेस्क्यू सेंटरों) में कोविड-19 जैसे सख्त प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं ताकि वन्यजीवों को संक्रमण से बचाया जा सके।

Uttarakhand : जिम कॉर्बेट में कोविड जैसी सख्ती

प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। रेस्क्यू सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को अब पीपीई किट पहनकर ही बाघों और गुलदारों जैसे जानवरों के पास जाने की अनुमति है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इंसानों के जरिए किसी भी तरह का संक्रमण वन्यजीवों तक न पहुँचे।

इसी तरह, अल्मोड़ा के एनटीडी स्थित चिड़ियाघर में भी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। इस चिड़ियाघर में 10 गुलदार रहते हैं और यहाँ रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। मृग विहार के वनक्षेत्राधिकारी किशोर गोस्वामी ने बताया कि कर्मचारियों को साफ-सफाई रखने की सख्त हिदायत दी गई है। पर्यटकों को बिना सैनिटाइज किए अंदर जाने की अनुमति नहीं है और उन्हें वन्यजीवों से उचित दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है।

Uttarakhand : ऊधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र

ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा और किच्छा में दो पोल्ट्री फार्म इस प्रकोप का केंद्र बन गए हैं। किच्छा में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद, प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।

मंगलवार सुबह खटीमा के चकरपुर क्षेत्र के नदन्ना गांव में हनुमान सिंह के पोल्ट्री फार्म में भी मुर्गियों की बड़े पैमाने पर मौत हुई है, और उनके सैंपल भी जाँच के लिए भेजे गए हैं।

Uttarakhand : राज्य के अन्य हिस्सों में भी अलर्ट

उत्तराखंड के अन्य जिले भी इस खतरे को लेकर अलर्ट पर हैं। बागेश्वर में कुछ समय पहले ही एक मुर्गी में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद 77 सैंपल जाँच के लिए भेजे गए थे। अल्मोड़ा में भी बर्ड फ्लू के मद्देनजर अलर्ट जारी किया गया है।

पिथौरागढ़ जिले में फिलहाल मुर्गियों के मरने का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालाँकि, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों से आने वाली मुर्गियों की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है और जिले से 22 सैंपल जाँच के लिए भेजे गए हैं।

विकासनगर में भी प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के कुछ गाँवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद विकासनगर के एसडीएम ने सीओ, सभी थाना प्रभारियों और आरटीओ को सीमावर्ती इलाकों में लगातार जाँच करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, दुकानदारों को बाहर से मुर्गे, अंडे और कुक्कड़ मांस न मंगाने की सख्त हिदायत दी गई है, और ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

Uttarakhand : बर्ड फ्लू: एक वैश्विक खतरा

बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) एक संक्रामक बीमारी है जो पक्षियों से इंसानों में भी फैल सकती है। यह बीमारी पोल्ट्री उद्योग के लिए एक बड़ा खतरा है और लाखों पक्षियों की मौत का कारण बन सकती है।

भारत में समय-समय पर इसके प्रकोप की खबरें आती रहती हैं, जिससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी खतरा होता है। इस खतरे को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार की यह त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है। यह दर्शाता है कि प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।