News : भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की ने न सिर्फ भारत में बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान बना ली है। एक समय था जब व्हिस्की की बात आते ही स्कॉच ब्रांड्स जैसे Glenlivet और Glenfiddich का नाम सबसे पहले आता था, लेकिन अब यह स्थिति तेजी से बदल रही है।
भारत में बनी सिंगल माल्ट व्हिस्की अपनी गुणवत्ता, स्वाद और आकर्षक कीमतों के कारण उपभोक्ताओं की पहली पसंद बनती जा रही है। इस बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण है इंद्री (Indri), जिसने मात्र चार सालों में ही भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की बनकर इतिहास रच दिया है।
News : भारतीय सिंगल माल्ट का उदय
हरियाणा की पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा 2020 में लॉन्च की गई इंद्री व्हिस्की ने देखते ही देखते बाजार में अपनी जगह बना ली। 2024 में, यह भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की बन गई, जो कि एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। IWSR ड्रिंक्स मार्केट एनालिसिस की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में पहली बार भारतीय सिंगल माल्ट की बिक्री ने स्कॉच व्हिस्की को पीछे छोड़ दिया है।
इस सफलता का मुख्य कारण भारतीय उपभोक्ताओं में बढ़ रहा “नेट-प्राइड” और स्वदेशी उत्पादों पर बढ़ता भरोसा है। आज के उपभोक्ता सिर्फ ब्रांड के नाम पर नहीं, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी कहानी पर भी ध्यान दे रहे हैं।
News : इंद्री की अभूतपूर्व वृद्धि
इंद्री ने लॉन्च होने के दूसरे साल में ही 1 लाख केस की बिक्री का आंकड़ा पार करके सबसे तेजी से बढ़ने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की का रिकॉर्ड बनाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी बिक्री में 599% की आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई, जिससे भारतीय सिंगल माल्ट बाजार में इसका हिस्सा 30% तक पहुंच गया।
IWSR की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2024 में भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की बिक्री में 25% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जो स्कॉच के मुकाबले कहीं ज्यादा है। इस शानदार प्रदर्शन के पीछे इंद्री की मार्केटिंग रणनीति, गुणवत्ता और पैकेजिंग का बेहतरीन तालमेल रहा है।
News : स्वाद और निर्माण प्रक्रिया का रहस्य
भारतीय सिंगल माल्ट की सफलता का एक बड़ा कारण इसकी निर्माण प्रक्रिया भी है। भारत का गर्म मौसम व्हिस्की को बैरल में जल्दी परिपक्व होने में मदद करता है। स्कॉटलैंड में जहां प्रति वर्ष 2-3% वाष्पीकरण होता है, वहीं भारत में यह दर 10% या उससे भी अधिक है।
इस कारण, भारतीय सिंगल माल्ट को सिर्फ 5 से 8 साल में ही खोला जा सकता है, जबकि स्कॉच को इससे कहीं अधिक समय लगता है। यह न केवल समय बचाता है, बल्कि व्हिस्की को एक गहरी और समृद्ध स्वाद प्रोफ़ाइल भी प्रदान करता है। इंद्री ने इसी विशिष्ट प्रक्रिया का लाभ उठाकर एक ऐसी व्हिस्की बनाई है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती है।
News : वैश्विक मंच पर पहचान
इंद्री की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। व्हिस्की ऑफ द वर्ल्ड अवॉर्ड्स 2024 में, इंद्री दिवाली कलेक्टर्स एडिशन ने गोल्ड मेडल जीता। यह लगातार दूसरा साल था जब भारत ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में जीत हासिल की। पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज ने अपनी IMFL (इंडियन मेड फॉरेन लिकर) डिवीजन में FY25 में 40% की वॉल्यूम वृद्धि दर्ज की है।
इस सफलता को भुनाने के लिए, कंपनी ने उत्पादन क्षमता, वेयरहाउसिंग और वैश्विक विस्तार पर ₹500 करोड़ से अधिक का निवेश किया है। इस निवेश से कंपनी का लक्ष्य अपनी पहुंच को और बढ़ाना और भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की को दुनिया के हर कोने में पहुंचाना है।
भारत में अब सिर्फ अमरूत और पॉल जॉन जैसे स्थापित ब्रांड्स ही नहीं, बल्कि रामपुर, गोडावन और इंद्री जैसे नए ब्रांड्स भी अपनी जगह बना रहे हैं। ये सभी ब्रांड्स मिलकर भारतीय व्हिस्की को एक नई पहचान दे रहे हैं, जो गुणवत्ता और स्वाद के मामले में दुनिया के किसी भी शीर्ष ब्रांड से कम नहीं है। भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की का यह उदय, “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसी पहलों को भी मजबूती प्रदान करता है।
