News : धर्म की आड़ में महिला तस्करी करते हैं धीरेंद्र शास्त्री, LU प्रोफेसर का विवादित बयान!

News : लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन एक बार फिर अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं।

उन्होंने हाल ही में अपने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर दो पोस्ट करके केंद्र सरकार और कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर तीखे आरोप लगाए हैं, जिससे एक नया विवाद खड़ा हो गया है।

इन पोस्टों ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है, बल्कि धीरेंद्र शास्त्री के समर्थकों के बीच भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

News : धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप

डॉ. रविकांत चंदन ने अपनी एक पोस्ट में बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने किए गए पोस्ट में लिखा, “धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है! इसकी गहन जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर धीरेंद्र को फांसी होनी चाहिए।” यह आरोप अपने आप में इतना बड़ा है कि इसने तुरंत ही ध्यान खींचा।

धीरेंद्र शास्त्री, जिनके देश-विदेश में लाखों समर्थक हैं, पर इस तरह के आरोप लगाना एक बड़ा कदम माना जा रहा है। डॉ. रविकांत ने इस आरोप के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किया है, लेकिन उन्होंने अपनी बात पर कायम रहने की बात कही है।

इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग डॉ. रविकांत के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं और इसकी जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक इन आरोपों को आधारहीन और मानहानिपूर्ण बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह धीरेंद्र शास्त्री की छवि को धूमिल करने की एक सोची-समझी साजिश है।

News : केंद्र सरकार और अमेरिका-भारत संबंधों पर टिप्पणी

अपने दूसरे पोस्ट में, डॉ. रविकांत चंदन ने केंद्र सरकार और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर निशाना साधा है। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ और जुर्माने को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “पहले भारतीयों के हाथ में हथकड़ी, फिर सीजफायर की धमकी, अब 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माना। मोदी जी की ट्रंप से दोस्ती की और कितनी कीमत देश चुकाएगा…।”

यह पोस्ट भारत की विदेश नीति और अमेरिका के साथ उसके व्यापारिक संबंधों पर एक राजनीतिक टिप्पणी मानी जा रही है। डॉ. रविकांत ने संकेत दिया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी की दोस्ती का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है। अमेरिका के टैरिफ लगाने के फैसले को लेकर विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर रहे हैं, लेकिन डॉ. रविकांत की टिप्पणी ने इस बहस को एक नया आयाम दिया है।

News : विवादों से पुराना नाता

यह पहली बार नहीं है जब डॉ. रविकांत चंदन विवादों में फंसे हैं। उनका इतिहास बताता है कि वे अक्सर अपने बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।

* दो महीने पहले की घटना: दो महीने पहले, उन्होंने एक और विवादित सोशल मीडिया पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाओं को “संगी विचार की उपज” बताया था। इस पोस्ट के बाद उनके खिलाफ हसनगंज थाने में शिकायत दर्ज की गई थी।

* काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद: 2022 में, वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी प्रकरण पर की गई उनकी टिप्पणी भी काफी विवादास्पद रही थी। इस टिप्पणी के बाद उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा था। 18 मई, 2022 को कुछ छात्रों ने उनके साथ मारपीट भी की थी, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा और एक छात्र को निष्कासित कर दिया गया था।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि डॉ. रविकांत चंदन अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने में हिचकिचाते नहीं हैं, भले ही उनके बयान कितने भी विवादास्पद क्यों न हों। उनका मानना है कि जो उन्होंने कहा है, वे उस पर कायम हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय, जहां डॉ. रविकांत चंदन हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह एक संवेदनशील मामला हो सकता है, क्योंकि एक प्रोफेसर के इस तरह के बयान संस्थान की छवि पर भी सवाल खड़े कर सकते हैं।

इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि डॉ. रविकांत चंदन के हालिया पोस्ट्स ने एक बार फिर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। धीरेंद्र शास्त्री पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों में अमेरिका-भारत संबंधों पर उनकी टिप्पणी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का रुख क्या होता है और क्या डॉ. रविकांत के आरोपों की कोई जांच होती है या नहीं।