News : CM धामी का अनूठा अंदाज, पहले चाय बनाई फिर सभी को पिलाई, किया जनता से संवाद!

News : उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक अलग ही रूप देखने को मिला. विधानसभा सत्र के बाद वे सुबह की सैर पर निकले, जहाँ उन्होंने न सिर्फ स्थानीय लोगों से बातचीत की, बल्कि खुद चाय बनाकर भी सबको चौंका दिया. मुख्यमंत्री के इस सहज और सरल व्यवहार ने स्थानीय लोगों को बेहद प्रभावित किया.

बुधवार को विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने भराड़ीसैंण में रुकने का फैसला किया. गुरुवार की सुबह वे मॉर्निंग वॉक पर निकले. इसी दौरान वे चंद्र सिंह नेगी की दुकान पर रुके. यहाँ उन्होंने खुद अपने हाथों से चाय बनाई और उसका आनंद लिया.

इस मौके पर उपस्थित स्थानीय लोगों से उन्होंने बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं और जन कल्याणकारी कार्यक्रमों पर उनकी राय भी ली.

News : जनता से सीधा संवाद

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधानसभा सत्र के बाद भराड़ीसैंण में रुकने का यह अवसर उनके लिए बेहद खास है. उन्होंने कहा, “गैरसैंण सिर्फ हमारी ग्रीष्मकालीन राजधानी ही नहीं, बल्कि एक सुंदर और संभावनाओं से भरा पर्यटन स्थल भी है. यहाँ की मनमोहक वादियाँ, शुद्ध पर्वतीय हवा और शांत वातावरण एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव कराते हैं.”

इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं और सुझावों को भी सुना. मुख्यमंत्री का यह सीधा संवाद बताता है कि वह जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ना चाहते हैं. उनका मानना है कि योजनाओं की सफलता का सही आकलन तभी हो सकता है, जब जनता से सीधा फीडबैक लिया जाए. इस तरह के दौरे सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को समझने और उनमें सुधार करने में मदद करते हैं.

News : गैरसैंण: सपनों की राजधानी

गैरसैंण को उत्तराखंड के लोगों के सपनों की राजधानी माना जाता है. यह देश की सबसे ऊँचाई पर स्थित विधानसभा है, जो लगभग 5410 फीट की ऊँचाई पर बसी है. 2014 में पहली बार गैरसैंण में टेंट में विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था, जिसके बाद भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन का शिलान्यास किया गया. यह भवन पशुपालन विभाग की 47 एकड़ भूमि पर बनाया गया है.

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान है. यह निर्णय बताता है कि सरकार राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. गैरसैंण का शांत और प्राकृतिक सौंदर्य इसे न सिर्फ राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनाता है, बल्कि इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने की अपार संभावनाएँ हैं.

मुख्यमंत्री धामी का यह कदम उत्तराखंड की राजनीति में एक नई मिसाल कायम करता है. उनका सहजता और सरलता भरा अंदाज जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा रहा है. यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री केवल प्रशासनिक कार्यों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे लोगों के जीवन का हिस्सा बनकर उनकी समस्याओं को समझना चाहते हैं. इस तरह के प्रयास सरकार और जनता के बीच की दूरी को कम करते हैं और विश्वास को मजबूत बनाते हैं.