News : राजधानी देहरादून आज शाम एक बड़े स्तर की मॉक ड्रिल का गवाह बनेगा। इस ड्रिल का आयोजन संभावित युद्ध या आतंकी हमले जैसी आपात स्थितियों में प्रशासन और आम नागरिकों की तैयारी को परखने के मकसद से किया जा रहा है। पूरे शहर में निर्धारित समय पर सायरन बजेंगे, जिसके बाद अंधेरा कर दिया जाएगा यानी ब्लैकआउट की स्थिति बनाई जाएगी।
यह अभ्यास राष्ट्रीय स्तर पर गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत हो रहा है और देशभर के 244 जिलों में एक साथ इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। देहरादून जिला प्रशासन ने इसे लेकर सभी विभागों को अलर्ट पर रखा है।
News : क्या होगा आज?
शाम 4 बजे देहरादून के विभिन्न हिस्सों में एक साथ सायरन बजेंगे। ये सायरन खतरे का संकेत होंगे। इसके बाद शहर के घरों, दफ्तरों और अन्य संस्थानों को पूरी तरह अंधेरे में ढाल दिया जाएगा।
नगरवासियों से आग्रह किया गया है कि वे बिजली की सभी लाइटें बंद रखें, मोबाइल की फ्लैशलाइट और अन्य रोशनी का भी इस्तेमाल न करें। साथ ही उन्हें खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहकर सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की सलाह दी गई है।
News : मॉक ड्रिल में कौन-कौन लेगा हिस्सा?
इस आपातकालीन अभ्यास में जिला प्रशासन के अलावा पुलिस, सिविल डिफेंस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य सेवाएं, एनसीसी, एनएसएस और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हैं। सभी विभागों को एकजुट होकर आपसी समन्वय की परीक्षा देनी होगी।
जिलाधिकारी द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि नागरिक इस अभ्यास को हल्के में न लें। यह एक रूटीन ड्रिल जरूर है, लेकिन इसका मकसद सभी को संभावित खतरों के लिए तैयार करना है। अफवाहों से बचें और दिए गए निर्देशों का पालन करें।
News : क्यों जरूरी है यह ड्रिल?
हाल ही में देश की उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते तनाव और सुरक्षा एजेंसियों की सजगता को देखते हुए, केंद्र सरकार ने यह मॉक ड्रिल पूरे भारत में आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य केवल प्रशासन ही नहीं, आम नागरिकों को भी ऐसी आपदाओं से निपटने में सक्षम बनाना है।
देहरादून आज शाम कुछ समय के लिए अंधेरे में जरूर डूबेगा, लेकिन यह अंधेरा एक बेहतर, तैयार और सुरक्षित भविष्य की ओर रोशनी बनकर सामने आएगा। प्रशासन और जनता के बीच सहयोग से ही किसी भी आपदा से मजबूती से निपटा जा सकता है।