Haridwar : बिना अनुमति बन रही मस्जिद पर सीएम धामी का सख्त एक्शन, जांच के आदेश!

Haridwar : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ सुल्तानपुर गांव में चोरी-छिपे एक मस्जिद का निर्माण कार्य चल रहा था, जिसकी मीनारें लगभग 250 फीट की ऊंचाई तक पहुँच चुकी थीं। यह मीनारें पेरिस के एफिल टॉवर के बराबर बताई जा रही हैं। यह निर्माण कार्य पूरी तरह से अवैध पाया गया है, क्योंकि इसके लिए न तो कोई सरकारी अनुमति ली गई थी और न ही कोई नक्शा पास कराया गया था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में यह मामला आते ही उन्होंने तुरंत इस पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने न केवल निर्माण कार्य को तत्काल रोकने का निर्देश दिया, बल्कि इस मस्जिद से संबंधित भूमि के दस्तावेजों और निर्माण की अनुमति की गहन जांच के आदेश भी दिए।

Haridwar : सीएम धामी की सख्ती, प्रशासन अलर्ट

मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को मौके पर भेजा। जिलाधिकारी के वहाँ पहुँचते ही निर्माण कार्य रोक दिया गया और मस्जिद निर्माण समिति को तुरंत नोटिस जारी किया गया। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद अब प्रशासन इस मामले के हर पहलू की कानूनी पड़ताल में जुट गया है।

प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य होना एक गंभीर मुद्दा है। मस्जिद निर्माण के लिए न तो कोई नक्शा पास कराया गया था और न ही संबंधित विभाग में जमीन के कागजात जमा किए गए थे। यह निर्माण पूरी तरह से अवैध माना जा रहा है।

Haridwar : धर्मनगरी की गरिमा और संत समाज की नाराजगी

हरिद्वार को एक पवित्र धर्मनगरी के रूप में जाना जाता है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु धार्मिक आस्था के साथ आते हैं। इस तरह के अवैध निर्माण से संत समाज में गहरी नाराजगी है। संतों का कहना है कि हरिद्वार की धार्मिक पहचान को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस तरह के अवैध धार्मिक निर्माणों को समय पर नहीं रोका गया, तो भविष्य में यह बड़े सामाजिक और धार्मिक विवादों का कारण बन सकता है।

संतों का मानना है कि चाहे वह किसी भी धर्म का स्थल हो, उसका निर्माण कानून और नियमों के तहत ही होना चाहिए। वे प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

Haridwar : क्या होगा आगे?

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब सबकी निगाहें इस मामले में होने वाली कानूनी कार्रवाई पर टिकी हैं। फिलहाल प्रशासन सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच कर रहा है। यदि जांच में यह निर्माण पूरी तरह से अवैध पाया जाता है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि इसे ढहाने (डेमोलिशन) की कार्रवाई की जा सकती है।

यह मामला यह भी सवाल उठाता है कि आखिर इतनी बड़ी मस्जिद का निर्माण इतने लंबे समय तक बिना किसी की जानकारी में आए कैसे चलता रहा? क्या स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की लापरवाही थी? इस मामले की जांच में ये पहलू भी सामने आ सकते हैं।

यह घटना यह भी दर्शाती है कि कानून का पालन सभी के लिए समान रूप से आवश्यक है, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से जुड़ा हो। सरकार और प्रशासन इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि सभी धार्मिक स्थल कानून के दायरे में रहकर ही बनें और किसी भी तरह का अवैध निर्माण समाज में शांति और व्यवस्था को भंग न करे।